लड़ल बाघ से बकरिया - दुर्गेंद्र अकारी

बाघवा गरजे जइसे गरजेला दरिया
बकरी के अंखिया से चले पवनरिया
बाघ कभी बच्चा प नजरिया
लड़ल बाघ से बकरिया........

गरजि के बाघवा बकरिया प छरके
पेट में घुसली बकरी एक डेग बढिके
पँहथि के कइली पटरिया
लड़ल बाघ से बकरिया.........

बाघवा के पेटवा में घुसली बकरिया
ढोंढ़ी में लगा के सींग देली झकझोरिया
फाटि गइल बाघ के धोकरिया
लड़ल बाघ से बकरिया..........

एहि विधि दुखवा गरीबवन के जाई
दूसर कही का, केतना ले समझाई
अकिलनगर (एरौड़ा) के अकरिया
लड़ल बाघ से बकरिया................
------------------------------------------
दुर्गेंद्र अकारी
 दुर्गेंद्र अकारी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.