एक ओर
कुकुरमुत्ता नियर फइलल
भकचोन्हर गीतकारन के बिआइल
कैसेटन में
लंगटे होके नाचत बिया
भोजपुरिया संस्कृति।
(……जइसे ऊ कवनो
कोठावाली के बेटी होखे…
भा कवनो मजबूर लइकी के
गटर में फेंकल
नाजायज औलाद होखे।)
दोसरा ओरे
लोकरागिनी के किताब में कैद भइल
भोजपुरिया संस्कृति के दुलहिन के
चाटत बिआ दीमक
सूंघत बा तेलचट्टा
आ काटत बा मूस।
एह दूनू का बीचे
भोजपुरी के भ्रम में
हिन्दी के सड़ल-खिचड़ी चीखत
आ भोजपुरिये के जरल भात खात
मोंछ पर ताव देत
'मस्त-मस्त' करत
ठाढ़ बा, भोजपुरिया जवान।
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कुकुरमुत्ता नियर फइलल
भकचोन्हर गीतकारन के बिआइल
कैसेटन में
लंगटे होके नाचत बिया
भोजपुरिया संस्कृति।
(……जइसे ऊ कवनो
कोठावाली के बेटी होखे…
भा कवनो मजबूर लइकी के
गटर में फेंकल
नाजायज औलाद होखे।)
दोसरा ओरे
लोकरागिनी के किताब में कैद भइल
भोजपुरिया संस्कृति के दुलहिन के
चाटत बिआ दीमक
सूंघत बा तेलचट्टा
आ काटत बा मूस।
एह दूनू का बीचे
भोजपुरी के भ्रम में
हिन्दी के सड़ल-खिचड़ी चीखत
आ भोजपुरिये के जरल भात खात
मोंछ पर ताव देत
'मस्त-मस्त' करत
ठाढ़ बा, भोजपुरिया जवान।
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