रजुआ क, तरजुई से
कुछ तउलै कै मुनादी हौ
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
जात कै दोकान
परजात कै दोकान
लगवें सजल बाटे
धरम कै मचान
नोटा संगवे बिलौटा कै
लमहर आबादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै अजादी हौ॥
साज कै जुटान
समाज कै जुटान
छक के चलत बाटै
उहवों नेवान
सुनली ह, गोतिया के परकोटवा
बिचात रहल खादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
रतिओं लेsतेरी
दिनवों देsतेरी
शेर के सवा शेर
आ पउवा के पसेरी
तू तू आ मैं मैं क चरचा
क़हत बाड़ें, बरबादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
इनका से करार
उनका से तकरार
एने-ओने का देखीं
सगरों बाटें बटमार
रंग बिरंगा चोला में
खुबै कटत चाँदी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
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कुछ तउलै कै मुनादी हौ
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
जात कै दोकान
परजात कै दोकान
लगवें सजल बाटे
धरम कै मचान
नोटा संगवे बिलौटा कै
लमहर आबादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै अजादी हौ॥
साज कै जुटान
समाज कै जुटान
छक के चलत बाटै
उहवों नेवान
सुनली ह, गोतिया के परकोटवा
बिचात रहल खादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
रतिओं लेsतेरी
दिनवों देsतेरी
शेर के सवा शेर
आ पउवा के पसेरी
तू तू आ मैं मैं क चरचा
क़हत बाड़ें, बरबादी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
इनका से करार
उनका से तकरार
एने-ओने का देखीं
सगरों बाटें बटमार
रंग बिरंगा चोला में
खुबै कटत चाँदी हौ।
बोले दs! कुछौ बोलै कै आजादी हौ॥
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लेखक परिचय:-
नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
सी -39 , सेक्टर – 3;
चिरंजीव विहार , गाजियाबाद (उ. प्र.)
फोन : 9999614657
ईमेल: dwivedijp@outlook.com
फ़ेसबुक: https://www.facebook.com/jp.dwivedi.5
ब्लॉग: http://dwivedijaishankar.blogspot.in
नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
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