अजुवो ले महतारी देखेलिन
बिटिया के पीठ
खोजेली/ कवनों उबटल
गोहिया के चीन्हा
झंउसाइल चमड़ी
ससुरे से नइहर आइल
बिटिया झंखेली
माई के एगो अइसन सोच पर।
बेटी के खोंइछा रोप लेनी
अपने फांड मे
खोजेलीं ओहमे रूपिया
नापेनी ओहीसे बिटिया के
सुख दुख के दिन।
नाही ओराले उनुकर अकुलाहट
कुरेद कुरेद के
एकहक गो बात
दिन–रात के रहन
अदहन से तेल–तासन तक
हरदी के गाँठ से
पौदीना के मिलला तक।
लागि जाला कई दिन
संतुष्ट होखे मे
महतारिन के अबहिनों।
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बिटिया के पीठ
खोजेली/ कवनों उबटल
गोहिया के चीन्हा
झंउसाइल चमड़ी
ससुरे से नइहर आइल
बिटिया झंखेली
माई के एगो अइसन सोच पर।
बेटी के खोंइछा रोप लेनी
अपने फांड मे
खोजेलीं ओहमे रूपिया
नापेनी ओहीसे बिटिया के
सुख दुख के दिन।
नाही ओराले उनुकर अकुलाहट
कुरेद कुरेद के
एकहक गो बात
दिन–रात के रहन
अदहन से तेल–तासन तक
हरदी के गाँठ से
पौदीना के मिलला तक।
लागि जाला कई दिन
संतुष्ट होखे मे
महतारिन के अबहिनों।
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लेखक परिचय:-
नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
सी -39 , सेक्टर – 3;
चिरंजीव विहार , गाजियाबाद (उ. प्र.)
फोन : 9999614657
ईमेल: dwivedijp@outlook.com
फ़ेसबुक: https://www.facebook.com/jp.dwivedi.5
ब्लॉग: http://dwivedijaishankar.blogspot.in
नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
सी -39 , सेक्टर – 3;
चिरंजीव विहार , गाजियाबाद (उ. प्र.)
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