इ होई कब ले - दिलीप कुमार पाण्डेय

चारो ओर हल्ला बा अश्लीलता के,
गवईया पार कईले हद शालीनता के।
चिड़ई चुडुङों अब मुदऽता कान,
छेड़ऽतारे गवईया लो जब तान।
ध्वस्त होखऽता अपना भाषा के मान,
नईखे एकर हो भाई सभे का भान।
कईसे दूर होई मनोभाव हीनता के,
गवईया पार कईले हद शालीनता के।
------------------------------------------------------------------
लेखक परिचय:-
नाम-दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.