चारो ओर हल्ला बा अश्लीलता के,
गवईया पार कईले हद शालीनता के।
चिड़ई चुडुङों अब मुदऽता कान,
छेड़ऽतारे गवईया लो जब तान।
ध्वस्त होखऽता अपना भाषा के मान,
नईखे एकर हो भाई सभे का भान।
कईसे दूर होई मनोभाव हीनता के,
गवईया पार कईले हद शालीनता के।
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गवईया पार कईले हद शालीनता के।
चिड़ई चुडुङों अब मुदऽता कान,
छेड़ऽतारे गवईया लो जब तान।
ध्वस्त होखऽता अपना भाषा के मान,
नईखे एकर हो भाई सभे का भान।
कईसे दूर होई मनोभाव हीनता के,
गवईया पार कईले हद शालीनता के।
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नाम-दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238
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