रोंआ-रोंआ खुसिया समाइल ए रामा
पिया घरे अइले।
मध दुपहरिया के तपल बटोहिया
पनिया से जइसे अघाइल ए रामा
पिया घरे अइले।
सपनो में देखीं अँकवरिया बलमु के
आजु मोरा हियरा जुड़ाइल ए रामा
पिया घरे अइले।
सिहरेला अंग-अंग खिलि गइली सधिया
पोरे-पोरे रस भरि आइल ए रामा
पिया घरे अइले।
पिया घरे अइले।
मध दुपहरिया के तपल बटोहिया
पनिया से जइसे अघाइल ए रामा
पिया घरे अइले।
सपनो में देखीं अँकवरिया बलमु के
आजु मोरा हियरा जुड़ाइल ए रामा
पिया घरे अइले।
सिहरेला अंग-अंग खिलि गइली सधिया
पोरे-पोरे रस भरि आइल ए रामा
पिया घरे अइले।
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लेखक परिचय:-
नाम: डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
जन्म: बड़कागाँव, सबल पट्टी, थाना- सिमरी
बक्सर-802118, बिहार
जनम दिन: 28 फरवरी, 1962
पिता: आचार्य पं. काशीनाथ मिश्र
संप्रति: केंद्र सरकार का एगो स्वायत्तशासी संस्थान में।
संपादन: संसृति
रचना: ‘कौन सा उपहार दूँ प्रिय’ अउरी ‘फगुआ के पहरा’
ई-मेल: rmishravimal@gmail.com
नाम: डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
जन्म: बड़कागाँव, सबल पट्टी, थाना- सिमरी
बक्सर-802118, बिहार
जनम दिन: 28 फरवरी, 1962
पिता: आचार्य पं. काशीनाथ मिश्र
संप्रति: केंद्र सरकार का एगो स्वायत्तशासी संस्थान में।
संपादन: संसृति
रचना: ‘कौन सा उपहार दूँ प्रिय’ अउरी ‘फगुआ के पहरा’
ई-मेल: rmishravimal@gmail.com
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