एह पारी तोहके - डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल

जाए नाहीं देबि हम बहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।

भले तनी कम मिली ओतने में रहबो
गउँए में करबो गुजरवा ए रामा
एह पारी तोहके।

तहरे करेजवा से सटिके जुड़इबो
नाहीं चाहीं घूमे के सहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।

पइसा के भूखे काहें देंहिया सुखइबऽ
हम पीयबि बिरह जहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
----------------------------------

लेखक परिचय:-

नाम: डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
जन्म: बड़कागाँव, सबल पट्टी, थाना- सिमरी
बक्सर-802118, बिहार
जनम दिन: 28 फरवरी, 1962
पिता: आचार्य पं. काशीनाथ मिश्र
संप्रति: केंद्र सरकार का एगो स्वायत्तशासी संस्थान में।
संपादन: संसृति
रचना: ‘कौन सा उपहार दूँ प्रिय’ अउरी ‘फगुआ के पहरा’
ई-मेल: rmishravimal@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.