जाए नाहीं देबि हम बहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
भले तनी कम मिली ओतने में रहबो
गउँए में करबो गुजरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
तहरे करेजवा से सटिके जुड़इबो
नाहीं चाहीं घूमे के सहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
पइसा के भूखे काहें देंहिया सुखइबऽ
हम पीयबि बिरह जहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
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एह पारी तोहके।
भले तनी कम मिली ओतने में रहबो
गउँए में करबो गुजरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
तहरे करेजवा से सटिके जुड़इबो
नाहीं चाहीं घूमे के सहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
पइसा के भूखे काहें देंहिया सुखइबऽ
हम पीयबि बिरह जहरवा ए रामा
एह पारी तोहके।
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लेखक परिचय:-
नाम: डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
जन्म: बड़कागाँव, सबल पट्टी, थाना- सिमरी
बक्सर-802118, बिहार
जनम दिन: 28 फरवरी, 1962
पिता: आचार्य पं. काशीनाथ मिश्र
संप्रति: केंद्र सरकार का एगो स्वायत्तशासी संस्थान में।
संपादन: संसृति
रचना: ‘कौन सा उपहार दूँ प्रिय’ अउरी ‘फगुआ के पहरा’
ई-मेल: rmishravimal@gmail.com
नाम: डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
जन्म: बड़कागाँव, सबल पट्टी, थाना- सिमरी
बक्सर-802118, बिहार
जनम दिन: 28 फरवरी, 1962
पिता: आचार्य पं. काशीनाथ मिश्र
संप्रति: केंद्र सरकार का एगो स्वायत्तशासी संस्थान में।
संपादन: संसृति
रचना: ‘कौन सा उपहार दूँ प्रिय’ अउरी ‘फगुआ के पहरा’
ई-मेल: rmishravimal@gmail.com
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