काँची अमिया न तुरिहऽ - विद्यानिवास मिश्र

काँची अमिया न तुरिहऽ बलमु काँची अमिया।

मोरे टिकोरवा न रसवा पगल हो
हियरा में गँठुली न अबले जगल हो
मोरे सुगापंखी सरिया के कुसुमी मजिठिया में
राँची धनिया न बोरिहऽ बलमु राँची धनिया
काँची अमिया न तुरिहऽ बलमु काँची अमिया।

मोरे अमिअरिया में मोजरा न अइले हो
डरियन-डरियन पतवा ललइले हो
चोरिया आ चोरिया जो लगले टिकोरवा
जाँची बतिया न छुइहऽ बलमु जाँची बतिया
काँची अमिया न तुरिहऽ बलमु काँची अमिया।

पुरुवा में लसिया के गिरलें टिकोरवा
बाँवे जो गइले ई दखिना पवनवा
मोजरा के गितिया त कोइली सुनवली
साँची बतियो न पुछिहऽ बलमु साँची बतिया
काँची अमिया न तुरिहऽ बलमु काँची अमिया।
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विद्यानिवास मिश्र
विद्यानिवास मिश्र

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