हमके गारी काँहे देलऽ तू सवाल पूछेलऽ
ओठ बाटे लाल, मगहीया पान कूचेलऽ।
आदत तोहार भइया बावे खराब,
तन के कइलऽ तू तऽ बरबाद।
देखलीं उखियाँ में गाजा के फूल तोरेलऽ
हमके गारी काँहे देलऽ तू सवाल पूछेलऽ॥
घर-दुआर गहना बेचलऽ बेचलऽ महुआबारी,
रेल-मोटर गाड़ी में, कइलऽ पाकेटमारी।
लोग-लइकन संगे हमके बिसार दिहलऽ
हमके गारी काँहे देलऽ तू सवाल पूछेलऽ॥
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लेखक परिचय:-
नाम: कन्हैया यादव
पता: गाँव - रामपुर शीतल,
पो - नरायनपुर,
जिला - गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
पेशा - खेती
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