कोइली क कुंहूंक परान कुंहूकावे
ननदी के बोलिया नचिकों न भावे
तलफेला हिया के मचान सँवरो।
कहिया बीती पियवा संगे विहान सँवरो।
तीसिया फुलाइल सरसो के संगवा
महुवा ढिठाईल पीराला मोर अंगवा
कामदेव लीहने कमान सँवरो।
कहिया बीती पियवा संगे विहान सँवरो।
अमवा क मोजरी मन गमकावे
फुललका पलसवा हियर बहकावे
तन मन भइल जवान सँवरो।
कहिया बीती पियवा संगे विहान सँवरो।
फगुनी बयार मे देहियों मताइल
राते सेजरिया न ईचिकों सोहाइल
घूमे अँखिया मे पिया के निशान सँवरो।
कहिया बीती पियवा संगे विहान सँवरो।
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अंक - 73 (29 मार्च 2016)
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