लरकोरिया हो रामा

रामा सङही के सखि सभ भइली लरकोरिया हो रामा।
हमरा कोखि अगिया लगवल हो रामा॥1॥ हमरा कोखि।

रामा बेरी हि बेरी तोहि बरजत रहलीं हो रामा।
जनि जाहु पुरुब बनिजिया हो रामा॥2॥ जनि जाहु।

रामा पुरुब देसवा में बंगलिनिया हो रामा।
हरि लीहें तोर मन सुरति दिखाइ हो रामा॥3॥ हरि लीहें।

रामा बारहो बरिस पर चिठियो ना भेजे हो रामा।
कइसे काटबि चइत दिन चंचल हो रामा॥4॥ कइसे काटबि।
------------------------------
अंक - 76 (19 अप्रैल 2016)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.