प्रभु जी तुम चंदन हम पानी - संत रैदास

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। 
जाकी अंग-अंग बास समानी॥

प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा। 
जैसे चितवत चंद चकोरा॥

प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। 
जाकी जोति बरै दिन राती॥

प्रभु जी तुम मोती हम धागा। 
जैसे सोनहिं मिलत सोहागा॥

प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा। 
ऐसी भक्ति करै 'रैदासा॥
------------

लेखक परिचय:-

नाम: संत रैदास
जन्म: 1398 (१४३३, माघ पूर्णिमा)
जन्म स्थान: काशी, उत्तर प्रदेश, भारत
निधन: 1518





अंक - 45 (15 सितम्बर 2015)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.