नाँव मंत्री क अब रटींला हम

बेढब बनारसी हिंदी कऽ हास्य विनोद कऽ बरिआर रचनाकार रहनी हँ। उहाँ का कुछ रचना भोजपुरियो में कइले बानी। एगो भोजपुरी रचना जेवन कबिताकोश पर रहल ह रउआँ सोझा बा।
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नाँव जेकर बहुत जपींला हम
ऊ त गुमनाम हौ सुनींला हम

शिव क, दुर्गा क पाठ का होई
नाँव मंत्री क अब रटींला हम

जब से देखलीं ह रंग हम ओनकर
मन ओही रंग में रँगींला हम

छ रुपइया किलो मलाई हौ
नाम खाली रटल करींला हम

घिव क नाहीं मिलत जलेबा हौ
चाह ओनके बदे धरींला हम

तू त भइलऽ सिमेंट क बोरिया
इंतजारी में नित मरींला हम

अस फँसउलन कि का कहीं भयवा
ऊ चरावेलँऽ आ चरींला हम

तू लड़ाई में पार का पइबऽ
राजनीतिक समर लड़ीला हम

लोग हम्‍मे कहेलन 'बेढब' हौ
बात ढब के मगर कहींला हम
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लेखक परिचय:

नाम – के डी प्रसाद गौड़ भा बेढब बनारसी
जनम – 1885, बनारस उत्तर प्रदेश
लेखन – कबिता अउरी उपन्यास
रचना - बेढब की बैठक (1940), काव्य कमल(कविता संग्रह, 1940), बनारसी इक्का, गांधी का भूत और तनातन, अभिनीता (नाटक)

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