छछनत माई - कन्हैया प्रसाद तिवारी

सोना के पालना में पलेवाला पुआरा के मरम का जानी
पिज्जा बर्गर खायेवाला लिट्टी चोखा के ना पहचानी

पंच सितारा हमनी के जिनिगी के हिस्सा ना बनीहे

तनी खेत के माटी के छू दीहीं त चमक जाई जवानी


तोहरा जाड़ लागत रहे त हम करेजा में सटले रहीं
तु विदेश गईल रह त हम सभे के मिठाई बँटले रहीं
तु कामयाब होके हमरा के नाकामयाब मत कह
तोहरे आगे बढ़े खातिर हम दुख के छँटले रहीं

हम जानतानी कि तोहार बंगला शानदार बा
बड़े बड़े लोगन से तोहार बात व्यवहार बा
बाकी माई बाबुजी के मलेच्छ मत कह
तोहार मुस्कान ही हमनी के जिये के आधार बा
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लेखक परिचयः


जन्मतिथि-19/01/1959

सेवा निवृत वारंट अफसर भारतीय वायु सेना

शिक्षा-इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा
ग्राम:- हथडीहाँ, बिक्रमगंज
जिला:- रोहतास, बिहार
मेबाइल नं-8867651348
अंक - 60 (29 दिसम्बर 2015)

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