चइत महीनवां - आदित्य दूबे

धरती के गोदिया भरइली हो रामा चढते फगुनवा....
अइले सुहावना दिनवा हो रामा चइत महीनवां

बगिया मे कुहु कुहु गाबे कोयलिया
फुलवन प भवरा मड़इले हो रामा...चइत महिनवा....

सर सर सर चले पछुवा बयरिया
तन मन मोरा अलसइले हो रामा....चइत महिनवा....

बेला चमेली जूही अड़हुल गुलाब के
बन बन फुलवा फुलइले हो रामा....चइत महिनवा..
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