शीश झूके पाँव माई - विद्या शंकर विद्यार्थी

शीश झूके पाँव माई 
लेके तोहार नाव माई 
ममता से दूजा का बाटे
सरधा से पूजा का बाटे
चलत रहे बनाव माई 
लेके तोहार नाव माई ।

जेकर बाडी़ दुर्गा माई 
का करी बड़ कसाई 
हाहाकार ऊ का मचाई
भाग परायी कहाँ जाई
काट दिहऽ दाव माई 
परत बानीं पाँव माई ।

नौ दिन के नौरात होला
दिन होला आ रात होला
माई बेटा के बात होला
दीया बाती के साथ होला
इहे तऽ बा बनाव माई
आव बा ना ताव माई ।

जिनिगी के परिभाषा बा 
ममता के बस आसा बा
आँख खुले त दर्शन पाईं
आ कहीं हरदम दुर्गा माई 
शीश झूके पाँव माई 
लेके तोहार नाव माई।
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लेखक परिचयः
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास ( सासाराम )
बिहार - 221115
मो 0 न 0 7488674912

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