शीश झूके पाँव माई
लेके तोहार नाव माई
ममता से दूजा का बाटे
सरधा से पूजा का बाटे
चलत रहे बनाव माई
लेके तोहार नाव माई ।
जेकर बाडी़ दुर्गा माई
का करी बड़ कसाई
हाहाकार ऊ का मचाई
भाग परायी कहाँ जाई
काट दिहऽ दाव माई
परत बानीं पाँव माई ।
नौ दिन के नौरात होला
दिन होला आ रात होला
माई बेटा के बात होला
दीया बाती के साथ होला
इहे तऽ बा बनाव माई
आव बा ना ताव माई ।
जिनिगी के परिभाषा बा
ममता के बस आसा बा
आँख खुले त दर्शन पाईं
आ कहीं हरदम दुर्गा माई
शीश झूके पाँव माई
लेके तोहार नाव माई।
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लेखक परिचयः
C/o डॉ नंद किशोर तिवारी
निराला साहित्य मंदिर बिजली शहीद
सासाराम जिला रोहतास ( सासाराम )
बिहार - 221115
मो 0 न 0 7488674912
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