देई-देई बोलावा
दुअरे बजना बजवावा
अँगने कोइली अस कुंहुकी
दुलारी धिया हो।
सासु गोतिन के जगवा
मिलजुल सोहर उठावा
ननदो तोहरे अस चंहकी
पियारी धिया हो।
बाबा पुतरी मे बसावा
खुल के मोहरा लुटावा
तोहरे बगिया मे मंहकी
नियारी धिया हो।
बिटिया होइहें सेयान
रखिहें सभकर धेयान
दुनहूँ कुलवा के सँवारी
सुकुवारी धिया हो।
--------------
संपादक: (भोजपुरी साहित्य सरिता)
इंजीनियरिंग स्नातक;
व्यवसाय: कम्पुटर सर्विस सेवा
सी -39 , सेक्टर – 3;
चिरंजीव विहार , गाजियाबाद (उ. प्र.)
फोन : 9999614657
ईमेल: dwivedijp@outlook.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें