कइसे जइबू गोठिनी बजरिया - गणेश नाथ तिवारी 'विनायक'

कइसे जइबू गोठिनी बजरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी।

किने जइबू तू तs सेल्हि
साथे रहिहे तोहार सहेली
लइका बोलिहे खूबे टीबोलिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी।
कइसे जइबू गोठिनी बजरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी॥

तू तs मानि जा हमार रानी
डालs मति हमके परेशानी
चलि जाई हमरो नोकरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी।
कइसे जइबू गोठिनी बजरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी॥

सोरहो सिंगार तोहरा के लियाएब
जल्दी से अबकी हम बहरी से आएब
मिलिहs तू हमरी सेजरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी।
कइसे जइबू गोठिनी बजरिया
नजरिया लड़ि जाई सजनी॥
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