दुआरी पर
किनारे
देवाल से सटा के
खड़ा कइल बा
एगो खटिया,
ओकर हालत
बड़ा डाँवाडोल बा
ओकरा बीचवा में
बड़ा झोल बा
केहू केऽ तरे सुतत होई
बुझाते नइखे
बाकिर
ओरचन कसाइल बा
ओरचन में
दस गो गाँठ बा
आ दोसरा ओर
अइसन बिछवना बा
जइसे राजा के ठाट बा।
सबके माई-बाप
इहे चाहेला
कि आपन जामल
दूध के कुल्ला करे
अमृत के धार पीये
भले माई-बाप
जिनगी भर लुगरिये सीये।
ओही दुआरी पर ना
अनगिनत दुआरी पर
खटिया खाड़ बा
ओह संतानन खातिर
माई-बाप के ढोवल
पहाड़ बा।
अनगिनत पूत
सँचहू दूध के कुल्ला करत
अमृत के धार पीअत बाड़े
आ माई-बाप
जिनगी के साँस गिनत
आसरा के खटिया के
नेह के ओरचन
मर्यादा के गाँठ
बान्ह-बान्ह कसता
अभागी संतान
सोचते नइखे
कि ओकरा पर समय केतना हँसता।
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किनारे
देवाल से सटा के
खड़ा कइल बा
एगो खटिया,
ओकर हालत
बड़ा डाँवाडोल बा
ओकरा बीचवा में
बड़ा झोल बा
केहू केऽ तरे सुतत होई
बुझाते नइखे
बाकिर
ओरचन कसाइल बा
ओरचन में
दस गो गाँठ बा
आ दोसरा ओर
अइसन बिछवना बा
जइसे राजा के ठाट बा।
सबके माई-बाप
इहे चाहेला
कि आपन जामल
दूध के कुल्ला करे
अमृत के धार पीये
भले माई-बाप
जिनगी भर लुगरिये सीये।
ओही दुआरी पर ना
अनगिनत दुआरी पर
खटिया खाड़ बा
ओह संतानन खातिर
माई-बाप के ढोवल
पहाड़ बा।
अनगिनत पूत
सँचहू दूध के कुल्ला करत
अमृत के धार पीअत बाड़े
आ माई-बाप
जिनगी के साँस गिनत
आसरा के खटिया के
नेह के ओरचन
मर्यादा के गाँठ
बान्ह-बान्ह कसता
अभागी संतान
सोचते नइखे
कि ओकरा पर समय केतना हँसता।
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नाम - केशव मोहन पाण्डेय
2002 से एगो साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ के संचालन।
अनेक पत्र-पत्रिकन में तीन सौ से अधिका लेख, दर्जनो कहानी, आ अनेके कविता प्रकाशित।
नाटक लेखन आ प्रस्तुति।
भोजपुरी कहानी-संग्रह 'कठकरेज' प्रकाशित।
आकाशवाणी गोरखपुर से कईगो कहानियन के प्रसारण, टेली फिल्म औलाद समेत भोजपुरी फिलिम ‘कब आई डोलिया कहार’ के लेखन अनेके अलबमन ला हिंदी, भोजपुरी गीत रचना.
साल 2002 से दिल्ली में शिक्षण आ स्वतंत्र लेखन.
संपर्क –
तमकुही रोड, सेवरही, कुशीनगर, उ. प्र.
kmpandey76@gmail.com
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