लोकतंत्र में राजा देखनी
बोले ओकर जनाजा देखनी।
मारे खूब रोवै ना देवै
ओकरे बाजत बाजा देखनी।
भवह बोले ना भसुर छोड़े
खुलि के मारत माजा देखनी।
देलें भासन अउर ना कुछो
बाकिर जोर तकाजा देखनी।
कांटक का नीमन का बाउर
कहे कि सभ ह ताजा देखनी।
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बोले ओकर जनाजा देखनी।
मारे खूब रोवै ना देवै
ओकरे बाजत बाजा देखनी।
भवह बोले ना भसुर छोड़े
खुलि के मारत माजा देखनी।
देलें भासन अउर ना कुछो
बाकिर जोर तकाजा देखनी।
कांटक का नीमन का बाउर
कहे कि सभ ह ताजा देखनी।
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