हे हे हे हे - गुलरेज शहजाद

सुनीं सुनीं देखीं हेने
खाईनी ठोंक पर
हरा बाजी लागल बाटे
के पटकाई
के केकरा पर चढ़ी
चलीं चलीं देखे
हे हे हे हे
हे हे हे हे।
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लेखक परिचय:-
नाम - गुलरेज शहजाद
कवि एवं लेखक
चंपारण (बिहार)
E-mail:- gulrez300@gmail.com

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