उहवाँ नाही कोय - राजीव उपाध्याय

चिठिया भेजि केके बोलावे
उहवाँ नाही कोय
आई ना केवनो जबाब
दिन बीती होय॥

अँखिया लोर काँहे बहावे
केहू नाही पियासा
तड़पत-तड़पत मरि जइब
खोजत-खोजत सोय॥

जुग-जुग बदलत जाए
बदले नाही नेम
जेकर जेसे बावे सनेह
देखि ओके रोय॥
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लेखक परिचय:-

पता: बाराबाँध, बलिया, उत्तर प्रदेश
लेखन: साहित्य (कविता व कहानी) एवं अर्थशास्त्र
संपर्कसूत्र: rajeevupadhyay@live.in
दूरभाष संख्या: 7503628659
ब्लाग: http://www.swayamshunya.in/
अंक - 95 (30 अगस्त 2016)

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