फेड़न के औकात बताई - आसिफ रोहतासवी

फेड़न के औकात बताई

कहियो अइसन आन्ही आई.

घामा पर हक इनको बाटे
पियराइल दुबियो हरियाई.

पाँव जरे चाहे तरुवाए
चलहीं से नू राह ओराई.

मोल, चलवले के बा जांगर
रामभरोसे ना फरियाई.

नाहीं कबरी बिन हिलसवले
दिन-पर-दिन आउर जरियाई.

अपना खातिर चउकन्ना बा
तहरा बेर बहिर हो जाई.

माहिर बा चेहरा बदले में
सदियन तक असहीं भरमाई.

हक खातिर अड़ जइहें ‘आसिफ’
धमकाई, मारी, गरियाई.
------------------------------------
अंक - 43 (1 सितम्बर 2015)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.