लडिका सेयाने बा
संवागो तऽ बडले बारें
तब काहे दूगो पईसा ला
घरे-घरे छिछियात बारू।
बिआहल लडिकन के गुणवा
जानत बाटे सगरी दुनिया
उतरली बहुरिया जब से
गरऽतिया काँट अईसन हमार बबुनिया।
देखी के जबाना के खेला
होता रोज़ घरऽ में झमेला
बेटी का पढ़ाई के सुन
का कहीं मरदू बिखिआत बारें।
मर-मज़दूरी कईके
लड़की हम पढाएम
जतना छिछिआए के होई
ओतना छिछिआएम।
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लेखक परिचय:-
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238
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