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नवका जमाना
सादर परनाम ए बिग्यान के चमतकारदुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में।
आ सगरो बिकास भाई- चारा के हरास भइल
प्रेम सदभाव गइल परसो के डेट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
काम क्रोध बढ़ गइल, दया छेमा घट गइल
भाई मारे लात अपने भयवे के पेट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
दुर्गा सीता लछमी सुरसती के पुजे लोग,
केतने दुर्गा लछमी देके दहेजवे के भेंट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला।
बाबूजी बइठावे हमके कान्हे प
तितली उड़ावे जाईं बान्हें प
नून तेल रोटी बड़ा भावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
पढी लिखीं पटरी इसलेट प
सांझी के नहाए जाईं पूले प
खेतवा बगइचवा बोलावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
दुई चार रहले संघाती
रोज जाईं खेले ओल्हा पाती
भूतहा इनार डेरवावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
भाई मारे लात अपने भयवे के पेट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
दुर्गा सीता लछमी सुरसती के पुजे लोग,
केतने दुर्गा लछमी देके दहेजवे के भेंट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
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बचपनवा
माई के पीरितिया जगावेलाबचपनवा इयाद बड़ा आवेला।
बाबूजी बइठावे हमके कान्हे प
तितली उड़ावे जाईं बान्हें प
नून तेल रोटी बड़ा भावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
पढी लिखीं पटरी इसलेट प
सांझी के नहाए जाईं पूले प
खेतवा बगइचवा बोलावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
दुई चार रहले संघाती
रोज जाईं खेले ओल्हा पाती
भूतहा इनार डेरवावेला।
बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥
बड़ा हियरा से लिखले बानी सांवांग , अशहिं झझकरले रहीं ...
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