खोज - जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

सेवा धरम उठल धरती से, सेवा भाव जगावा ना ॥ 
नीमन नीमन लोगन के खोजा, नीमन बात सिखावा ना ॥ 

शीत युद्ध के लदल जमाना , दादागिरी के आइल बा ।
घन अनिहारे ज्योति किरन , जाने कहाँ भुलाइल बा ।
सफेदीयो पर से रंग उड़ल , नया रंग चढ़ावा ना ॥ नीमन ..............

कुले जलावल तोहार दीयना , जाने कवन बुझा गइलन । 
पक्ष – विपक्ष लड़े दिन–रात , जुत्तम-पैजार सीखा गइलन ॥ 
नैतिकता के दीप जली कब ,हाली जुगत लगावा ना ॥ नीमन ..........

मुफतखोरी बढ़े दिन रात , कोई बचल न एकरा से ।
कौनों ‘लेवल’ भले लगल हौ , साँच छिपाईं केकरा से । 
सभई लगावे लगल मुखौटा , तोही पहचान करावा ना ॥ नीमन .....

कब सुधरी आदत इनहन के , कवन नयी हवा चली । 
कब दुनियाँ के होश मे लइबा, कहिया लगी सुबह भली । 
ओही दिनवा के इंतजार बा , बिजई संख बजावा ना ॥ नीमन ...... 
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लेखक परिचय:-

नाम: जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 
मैनेजिग एडिटर (वेव) भोजपुरी पंचायत
बेवसाय: इंजीनियरिंग स्नातक कम्पुटर व्यापार मे सेवा
संपर्क सूत्र: 
सी-39 ,सेक्टर – 3 
चिरंजीव विहार, गाजियावाद (उ. प्र.) 
फोन : 9999614657
अंक - 81 (24 मई 2016)

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