पाती - 79-80 (मार्च 2016)

पाती - 79-80 (मार्च 2016)



डॉ अशोक द्विवेदी जी के संपादन में बलिया से निकले भोजपुरी के दिशा बोध के पत्रिका 'पाती' के 79-80वां मार्च 2016 अंक आ गइल बा। ई अंक भोजपुरी भाषा-समाज आ लोक-संस्कृति पर विशेष बा।

संपादक - डॉ अशोक द्विवेदी
प्रबंध संपादक - प्रगत द्विवेदी
पृष्ट संख्या - 64
सहजोग राशि - रू 40

एह अंक में


संपादकीय
भोजपुरी समाज
  • हमपूजक भोजपुरियन के सेवा भाव - डॉ प्रमोद कुमार तिवारी
हस्तक्षेप/ भाषा विचार
  • मातृभाषा के महत्त्व में नेहरू के छवि - डॉ अमरनाथ शर्मा
सामयिकी
  • कुछ सीखऽ ए बबुआ - मिथिलेश कुमार सिंह
गजल परम्परा
  • आनन्द संधिदूत
  • महेश्वर तिवारी
  • जगन्नाथ
  • डॉ अशोक द्विवेदी
  • भगवती प्रसाद द्विवेदी
  • मधुर नज्मी
  • आसिफ रोहतासवी
  • विजेन्द्र अनिल
  • डॉ वशिष्ठ अनूप
छंद
  • अक्षय कुमार पांडेय
  • आनन्द संधिदूत
  • जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
  • हीरालाल 'हीरा'
  • शिवजी पांडेय 'रसराज'
  • अशोक कुमार तिवारी
  • शशि प्रेमदेव
  • नवचंद्र तिवारी
  • मनोज भावुक
  • गुलरेज शहजाद
  • डॉ अशोक द्विवेदी
  • ज्योतिष जोशी
  • शिवपूजन लाल विद्यार्थी
कहानी
  • माँगि आ कोखि - रामदेव शुक्ल
  • कबले रहबू - रमाशंकर श्रीवास्तव
  • पराया घर के बेटी - जनकदेव जनक
  • सौ के नोट - तुषारकान्त उपाध्याय
  • बसेरा - ब्रजमोहन राय 'देहाती'
ललित बतरस में फागुन
  • फागुन बाद ना जोहे मे - स्व भोलानाथ गहमरी आ पं चंद्रशेखर मिश्र
  • श्रीमती प्रेमशीला शुक्ल
  • होरी रे रसिया
लघुअकथा
  • साँप - कन्हैया पाण्डेय
  • भाषा आ भंडारा - राजगुप्त
इयाद

  • भोजपुरी के आरोही चौ कन्हैया प्रसाद सिंह - शिवपूजन लाल विद्यार्थी
कथा - कथक्कड़ी
  • छागल आ पागल - विनोद द्विवेदी 
  • भँजेठी - प्रकाश उदय 
  • लोकमत - राजगुप्त 
गतिविधि/ समाचार 
  • पूर्वोत्तर भारत प्रतिनिधि लेखक सम्मेलन 
  • पटना पुस्तक मेला में ब्रजभूषण मिश्र के किताब विमोचन 
  • लोकमर्मज्ञ पं गणेश चौबे कऽ स्मृति समारोह 
किताब-चर्चा/समीक्षा/पाठकीय 
  • अशोक द्विवेदी के उपन्यास बनचरी - अजय कुमार 
  • मानवीय मूल्यन के उपन्यास बनचरी - कन्हैया सिंह सदय 
  • कन्हैया पांडेय के रचना-संसार - अशोक द्विवेदी 
  • पौराणिक पृष्ठभूमि के नवरचना बनचरी - बरमेश्वर सिंह 
  • जनपदीय जीवन के कथासंग्रह गुलेल - डॉ सान्त्वना 
  • मरमबेधक कहानी संग्रह भंडारघर - कृष्ण कुमार 
  • बनचरी उपन्यास पढला के बाद - डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव 
  • लालित्य भरल घमावन विजयशंकर पाण्डेय भाव भगति के भजन - फतेहचन्द्र बेचैन
अंक - 74 (05 अप्रैल 2016)

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