अंक के रचनाकार अउरी रचना (मैना: वर्ष - 3 अंक - 111)
भोजपुरी लाठी से - गुलाबचंद सिंह ‘आभास’- भिनसहरे - नज़ीर बनारसी
- अबहीं बहुत कहे के बा - अविनाश चन्द्र विद्यार्थी
- नदी भइल नैना - जगदीश ओझा ‘सुन्दर’
- पंचर के दुकान - प्रकाश उदय
भोजपुरी लाठी से - गुलाबचंद सिंह ‘आभास’
हम के पुरनका लोकगीत चाही
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