भगवान राम के गुण टीवी आ किताबन तकले रह गईल बा

परस्तुत लेख राम नवमी औरी भगवान राम से जुड़ल लोक परमपरा औरी मान्यता के देखावे के कोसिस करत बा जेवना के बहुते हद ले कऽ ले गईल बा। साथहीं ए लेख के हाथ धऽ के लेखक भगवान राम से जुड़ल संस्कार औरी नवकी पीढी के जुड़ाव में कमी के भी जतावत बाड़े। डा उमेश जी ओझा जी के एगो बढिया लेख बा जेवन कम सबदन में आईल बदलाव के देखावत बा। 
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कहल जाला कि हमनी के देश भारत परबन के देश हऽ। एहिजा रोज परब तेवहार होत रहेला। भारतीय संस्कृति के दुनिया भर में महत दिहल जाला। एही धरती प भगवान विष्णु असुरन के संहार करे खातिर राम के रूप में अवतार लिहले। आपन जीवन में मर्यादा के पालन करत पुरुषो में उत्तम पुरुषोत्तम कहलईले।
        चईत महिना में शुक्ल नवमी के भगवान राम के जनम के कारन ओह दिन के रामनवमी कहल जाला। रामनवमी के दिने ही गोस्वामी तुलसी दास जी रामायण के शुरुआत कईले रही। भगवान रामजी के आपन जीवन के लक्ष अधरम के नाश आ धरम के बईठावल रहे, जेकरा से आम आदमी खुसहाल जीवन जी सको। उनका द्वारा कवनो विशेष धरम के परचार ना कईल गईल।
        रामनवमी भगवान राम के पहचान के समर्पित बा। रामनवमी भगवान राम के जनमदिन के ईयाद में मनावल जाला। भगवान श्री राम के भगवान विष्णु के अवतार मानल जाला। उहाँ के धरती पर अजय रावन के संघार करे खातिर जनम लेले रही। कहल जाला कि रामनवमी के दिन केहू दिनभर उपवास राखी के राती के जागरण कऽ के पूजा करेला आ आपन आमदनी के अनुसार दान पुन कईला से ओकर अनेक जनमन के पाप भसम हो जाला।
         रामनवमी के मोका प भारत के त बाते छोड़ दिहीं, बिदेशो के मंदिरन में ओकर सजावट देखे में बनेला। अईसन बुझाला कि पूरा दुनिया भगवान राम के भक्ति में डूब गईल बा। हिन्दू धरम में भगवान राम के नाम बड़ी माने राखेला। लोग के दिमाग में ई बईठल बा कि भगवान् राम के नाम पत्थर प लिख देला से ऊ पानी में पवरे लागल आ समुन्द्र में पुल बन गईल त ऊ नाम हमनियो के नईया पार लगा दिही।

         तुलसीदास जी रामायण में श्री राम के जीवन के चरचा कईले बानी कि उंहा के रोज सबेरे उठ के आपन माता पिता के गोड छूके गोड लागत रहीं। आजू गोड छुअल त दूर लईका आपन माई-बाबूजी के बातो नईखन मानत। आजू हालत अईसन हो गईल बा कि महापुरुसन के आदरस खाली टीवी आ किताबन तक ले रह गईल बा। नेता लोग भी आपन कुरसी खातिर भगवान श्री राम नाम के सहारा लेके वोट बटोरत बाडन  
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लेखक परिचय:-

                                                   नाम: डाo उमेशजी ओझा
पत्रकारिता वर्ष १९९० से औरी झारखण्ड सरकार में कार्यरत
कईगो पत्रिकन में कहानी औरी लेख छपल बा
संपर्क:-
हो.न.-३९ डिमना बस्ती
                                                    डिमना रोड मानगो
पूर्वी सिंघ्भुम जमशेदपुर, झारखण्ड-८३१०१८
ई-मेल: kishenjiumesh@gmail.com
मोबाइल नं:- 9431347437
अंक - 20 (24 मार्च 2015)

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