बाजे बधाई - केशव मोहन पाण्डेय

कोसिला घरे अइले रघुराई, हो रामा,
बाजे बधाई। 
अवध-कुल गइल अगराई, हो रामा,
बाजे बधाई।
मलीन मन-मानव मंजुल हो जाई 
समवेत स्वर में सब मंगल गाई 
हहरत हियरा फुलाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
धनि दशरथ धा के दरसन चाहें,
अन्तर-नयनन से परसन चाहें,
बलि जाले देखि मुसकाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
सात सुहागिन मिल सोहर गावें,
धन-दौलत राजा जी लुटावें,
सरजू जी गइली छछनाई,हो रामा,
बाजे बधाई।
राम जी अइले, भरतो जी अइले,
शत्रुघन-सौमित्र जी अइले 
आई गइले चारू भाई, हो रामा,
बाजे बधाई।
मधु-मिठास रही जो बैना में,
राम राज-सपना सजी नैना में,
जीवन सफल हो जाई,हो रामा,
बाजे बधाई।
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लेखक परिचय:-

2002 से एगो साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ के संचालन। 
अनेक पत्र-पत्रिकन में तीन सौ से अधिका लेख, 
दर्जनो कहानी, आ अनेके कविता प्रकाशित। 
नाटक लेखन आ प्रस्तुति। 
भोजपुरी कहानी-संग्रह 'कठकरेज' प्रकाशित। 
आकाशवाणी गोरखपुर से कईगो कहानियन के प्रसारण, 
टेली फिल्म औलाद समेत भोजपुरी फिलिम ‘कब आई डोलिया कहार’ के लेखन 
अनेके अलबमन ला हिंदी, भोजपुरी गीत रचना. 
साल 2002 से दिल्ली में शिक्षण आ स्वतंत्र लेखन. 
संपर्क – 
तमकुही रोड, सेवरही, कुशीनगर, उ. प्र. 
kmpandey76@gmail.com
अंक - 76 (19 अप्रैल 2016)

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