उठेला करेजवा में पीर बारी धनिया - भोलानाथ गमहरी

उठेला करेजवा में पीर बारी धनियां
उठेला .......... ।

तोहरे कारन गोरी घर बार छोड़लीं 
छोडलीं नगरिया के लोग
ओही कलकतवा के छोड़लीं नोकरिया
माटी भइलें सोना के सारी बारी धनियां।
उठेला........।

सोनवां के पिजरा सबुज रंग सुगना
बोलेला पिरितिया के बैन
नित गोहरावे तोरे नान्हें के नइयां
टपके नयनवां से नीर बारी धनियां।
उठेला .....।

कंचन काया मोरा हो गइलें पराया
जियरा भइल बदनाम
चढ़ती उमिरिया में भभुति रामवलीं
तोरा पीछे हो गइलीं फ़क़ीर बारी धनियां
उठेला......।
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लेखक परिचय:-

जनम
: 19 दिसंबर 1923
मरन: 2000
जनम थान: गहमर, गाजीपुर, उत्तरप्रदेश
परमुख रचना: बयार पुरवइया, अँजुरी भर मोती और लोक रागिनी


अंक - 82 (31 मई 2016)

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