बाबा कवने नगरिया जुआ खेललऽ
कि हमरा के हारि अइलऽ, हमरा के हारि अइलऽ।
बेटी अवध नगरिया जुआ खेललीं तऽ
तोहरा के हारि अइलीं, तोहरा के हारि अइलीं।
बाबा कोठिया-अँटरिया काहे ना हरलऽ
कि हमरा के हारि अइलऽ, हमरा के हारि अइलऽ।
बेटी कोठिया-अँटरिया हमार लछिमी तऽ
तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन।
बाबा भैया-भउजइया काहें ना हरलऽ
कि हमरा के हारि अइलऽ, हमरा के हारि अइलऽ।
बेटी पुतवा-पतोहिया हमार लछिमी तऽ
तू हऊ परायाधन-तू हऊ परायाधन।
बाबा गइया-भँइसिया काहे न हरल कि
कि हमरा के हारि अइलऽ, हमरा के हारि अइलऽ।
बेटी गइया-भँइसिया हमार लछिमी तऽ
तू हऊ पराया धन तू हऊ पराया धन।
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अंक - 59 (22 दिसम्बर 2015)
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