सेजिया पे लोटे काला नाग हो

सेजिया पे लोटे काला नाग हो
कचौड़ी गली सून कैले बलमु।
मिर्जापुर कैले गुलजार हो,
कचौड़ी गली सून कैले बलमु।

एही मिर्जापुर से उडल जहजिया,
सैंया चल गइल रंगून हो,
कचौड़ी गली सून कैले बलमु।

पनवा से पातर भइल तोर धनिया,
देहिया गलेला जइसे नून हो,
कचौड़ी गली सून कैले बलमु।

मनवा की बेदना बेदउ ना जाने,
करेजवा में लागल जैसे ख़ून हो,
कचौड़ी गली सून कैले बलमु।

अंक - 47 (29 सितम्बर 2015)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine) Designed by Templateism.com Copyright © 2014

मैना: भोजपुरी लोकसाहित्य Copyright © 2014. Bim के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.